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क्या आपको मालुम है तनोट माता मंदिर की ऑरिजनल मूर्ति कौनसी है

क्या आपको मालूम है जब पाकिस्तान द्वारा 1965 के युद्ध के समय जो बम बरसाए गए वह बम नहीं फूटने और किसी तरह का नुकसान भारत की सेना में नहीं हुआ उसके पीछे जो देवीय शक्ति तनोट माता का चमत्कार माना जाता है और वह चमत्कारी असली मूर्ति कहा है ? तो आज हम आपको बताने जा रहे है मां तनोट माता की वह मूर्ति जो 1965 के युद्ध के बाद से उसी बीएसएफ की बटालियन के साथ है जो उस समय पाकिस्तान की सेना के दांत खट्टे कर रहे थे ।
व तनोट माता का मंदिर जैसलमेर में स्थित है और माता तनोट में हर किसी की श्रद्धा है और ऐसी मान्यता है कि उस मंदिर में जो भी सच्चे मन से प्रार्थना करता है उसकी मनोकामना पूर्ण होती है । लेकिन यह किसी को नहीं मालूम की जो मूर्ति माता जी के मंदिर में उस समय स्थापित थी वह मूर्ति आज भी उसी BSF बटालियन के साथ है । GL मीणा C.O.तनोट वॉरियर बीएसएफ कहते है की  उस समय वहा पाकिस्तान से युद्ध कर रही थी और उस युद्ध में हमारी सेना की मदद के लिए कोई भी गोला बारूद पाकिस्तान का काम नहीं कर रहा था तो वह चमत्कार था तनोट माता मंदिर का और वह मूर्ती आज भी उस टुकड़ी के साथ है और उसके बाद उस बटालियन का नाम पड़ा तनोट वॉरियर और आज वह उसी नाम से जानी जाती है ।
ऐसी मान्यता है कि युद्ध के बाद जैसे ही BSF की उस टुकड़ी को अन्यत्र जाने हुकम मिला और जाने की तैयारी थी की देवी का पुजारी को हुकम हुआ मुझे छोड़कर कैसे जाने लगे और वह भी बिना इजाजत । तो पुजारी ने देवी मां से प्रार्थना की ओर साथ चलने की प्रार्थना की उसी प्रार्थना पर ऐसी मान्यता है की उस तनोट माता की मूर्ति को BSF की वह बटालियन साथ में ले गई और उस टुकड़ी का नाम पड़ा तनोट वॉरियर देखिए तनोट माता की वह अद्भुत अलौकिक शक्ति की मूर्ति और कहानी ।बाइट -GL मीणा C.O.तनोट वॉरियर बीएसएफ आप अपनी टीवी स्क्रीन पर जो मूर्ति देख रहे हो वह माता जी की है आपको हो सकता है यह सामान्य मूर्ति लगे लेकिन हम आपको बताना चाहेंगे कि यह वही तनोट माता की मूर्ति है जिस समय 1965 के युद्ध के दौरान पाकिस्तान की सेना द्वारा तनोट माता मंदिर के क्षेत्र पर बम वर्षा की थी और उसमें से एक भी बम नहीं फूटा । ना ही हमारे किसी जवान को खरोच आई वह अद्भुत अलौकिक मूर्ति आप अपने टीवी स्क्रीन पर देख रहे हो और यह मूर्ति हम आपको बताना चाहेंगे कि तनोट वॉरियर बीएसएफ की टुकड़ी के साथ रहती है । जहां पर भी तनोट वॉरियर रहती है वहां पर यह मूर्ति साथ में चलती है और इसकी विधिवत स्थापना के साथ पूजा अर्चना भी तनोट वॉरियर बीएसएफ करती रहती है

इस समय तनोट वॉरियर बीएसएफ बटालियन बाड़मेर में है और इस मूर्ति के दर्शन के लिए बाड़मेर के विधायक और गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष स्वयं पहुंचे और पूजा अर्चना की। और MLA मेवा राम जैन ने कहा की हमारा सौभाग्य है की आज माता जी के हमें बाड़मेर में दर्शन हुए और मुझे जैसे ही इस बात की जानकारी हुई तो तुरंत दर्शन के लिए आया और माता जी से प्रदेश में अमन चैन और खुशहाली की कामना की ।
अब हम आपको जो कहानी बताने जा रहे हैं हालांकि ऐसी मान्यता है कि जिस समय 1965 के युद्ध के दौरान भारत के तनोट माता मंदिर क्षेत्र में  सैनिक कम थे लेकिन पाकिस्तान की सेना ने जब वहां की तोपों के द्वारा बम बरसाए वह बम तनोट माता मंदिर के परिसर के अंदर जितने भी गिरे वह एक भी नहीं फूटा । नहीं किसी जवान को नुकसान हुआ इसीलिए तनोट माता मंदिर की मान्यता आज भी पूरे देश के अंदर सैनिकों और भारत के नागरिकों के अंदर बहुत ज्यादा है

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