बाड़मेर नगर परिषद बोर्ड के सभापति व उपसभापति के बीच उठे विवाद और उपसभापति द्वारा बाड़मेर जिला कलेक्टर को दिए गए इस्तीफे के बाद सभापति पर खुलेआम रिश्वत लेने का आरोप लगाने के बाद सुबह से बाड़मेर कांग्रेस की राजनीति में भूचाल मचा हुआ था,और जैसे यह घटनाक्रम सामने आया उसके बाद से बाड़मेर विधायक मेवाराम जैन लगातार इस मामले को डैमेज कंट्रोल करने के लिए बैठक कर दोनों के बिच समझौता करवाने में सफल हो गए । जिसके बाद दोनों ही सभापति व उपसभापति को बिठाकर एक दूसरे के गिले-शिकवे दूर करवाए गए साथ ही उपसभापति द्वारा सभापति पर भ्रष्टाचार के जो आरोप लगाए थे इस मामले पर विधायक मेवाराम जैन ने कहा कि इस पूरे मामले की तथ्यात्मक जांच करवाई जाएगी अगर कोई भ्रष्टाचार का आरोप सिद्ध होता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी ।
वहीं इस मामले में सभापति दीपक जैन ने कहा कि मेरे ऊपर जो भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं वह सिद्ध होते हैं तो नैतिकता के आधार पर मैं खुद आगे बढ़कर के इस्तीफा दे दूंगा मेरे और उपसभापति के बीच में कुछ विवाद था जो बाड़मेर विधायक द्वारा समझाइश कर सुलझा दिया गया है । अब हम बाड़मेर का विकास कैसे साथ मिलकर कर सकते हैं उस पर ध्यान केंद्रित करेंगे ।
वहीं इस मामले पर सुबह सभापति पर आरोप लगाने वाले उपसभापति सुल्तान सिंह देवड़ा ने कहा कि मैंने पूरा मामला बाड़मेर विधायक को बता दिया है बाड़मेर विधायक मेरे अभिभावक है और उनकी समझाइस के बाद अब इस मामले को यहीं पर विराम दिया जा रहा है ।
इस मामले का पटाक्षेप होने के बावजूद भी कांग्रेस के बोर्ड पर कई सवालिया निशान जरूर खड़े होते हैं की आखिर उन्हीं के बोर्ड के उपसभापति द्वारा इतने गंभीर जो आरोप लगे हैं उसकी क्या वाकई कांग्रेस पार्टी जांच करवाएगी या फिर इस मामले पर पर्दा डालने की कोशिश की जाएगी ।
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